Why Nails And Hair Are Not Cut On Thursday: गुरुवार को नाखून और बाल क्यों नहीं काटने चाहिए? जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

Why Nails And Hair Are Not Cut On Thursday: गुरुवार के दिन बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना या नाखून काटना अशुभ माना जाता है. इसलिए आज भी घरों में बुजुर्गों से यह सुनने को मिलता है कि “आज गुरुवार है, बाल या नाखून मत काटो.” ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे की असल वजह क्या है? क्या यह केवल धार्मिक आस्था है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी छिपा है? आइए जानते हैं.

प्रियंबदा यादवअपडेटेड ऑन Jun 11, 2025, 23:45 IST
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Why Nails And Hair Are Not Cut On Thursday/Credit/freepik

Why Nails And Hair Are Not Cut On Thursday: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है और उस दिन से जुड़ी कुछ विशेष मान्यताएं और परंपराएं भी होती हैं. ये परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं और आज भी लोग इन्हें मानते हैं. इन्हीं परंपराओं में से एक परंपरा है कि गुरुवार के दिन बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना या नाखून काटना अशुभ होता है. इसलिए आज भी घरों में बुजुर्गों से यह सुनने को मिलता है कि “आज गुरुवार है, बाल या नाखून मत काटो.” ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे की असल वजह क्या है? क्या यह केवल धार्मिक आस्था है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी छिपा है? आइए जानते हैं.

भगवान विष्णु और बृहस्पति देव से जुड़ी मान्यता

हिंदू धर्म में गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहते हैं और यह दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति देव को समर्पित होता है. मान्यता है कि गुरुवार के दिन बाल या नाखून काटने से भगवान विष्णु की कृपा कम हो जाती है और बृहस्पति देव नाराज हो सकते हैं. जिससे जीवन में बाधाएं, आर्थिक समस्याएं और पारिवारिक कलह हो सकती हैं. इसलिए गुरुवार के दिन बाल या नाखून ना काटने की सलाह दी जाती है. यह सलाह विशेष रूप से महिलाओं को दी जाती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन बाल और नाखून काटने से महिलाओं के गृहस्थ जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

सफाई और संसाधनों की कमी

पौराणिक मान्यता के अनुसार, गुरुवार के दिन घर को साफ-सुथरा रखना चाहिए, नहीं तो बृहस्पति देव नाराज हो जाते हैं. लेकिन पुराने समय में नाखून, दाढ़ी और बाल काटने जैसी चीजें घर में ही की जाती थीं. जिससे घर में गंदगी फैलती थी और सफाई के संसाधन कम होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता था. इसलिए इस दिन ऐसी चीजों को करने से परहेज किया जाता था.

नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी मान्यता

हिंदू धर्म में गुरुवार को पवित्र, पूज्य और शुभ दिन माना गया है. इसलिए इस दिन शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखना जरूरी होता है. वहीं दूसरी तरफ शरीर से निकले हुए बाल और नाखून जैसे अवशेष को अशुद्ध माना गया है. इन्हें काटना, त्याग करना या फेंकना एक प्रकार की शुद्धता भंग करने वाली क्रिया मानी जाती है. इसलिए इस दिन नाखून और बाल काटना अशुभ माना जाता है.

वैज्ञानिक कारण

अब अगर इस परंपरा को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो इसके पीछे भी कुछ तार्किक कारण भी नजर आते हैं. दरअसल, शरीर के उंगलियों के आगे का हिस्सा काफी नाजुक होता है और इनका नाखूनों के जरिए इसका बचाव होता है, इसलिए गुरुवार के दिन नाखून काटने की मनाही होती है. क्योंकि वैज्ञानिक रूप से माना जाता है कि गुरुवार के दिन ब्रह्मांड से कई सूक्ष्म किरणें मानव शरीर के संवेदनशील अंगों पर विपरीत प्रभाव डालती हैं.

वैधानिक चैतावनी

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First Published: Jun 11, 2025, 23:45 IST
प्रियंबदा  यादव

Indiatimes में Digital Content Producer- Lifestyle के तौर पर काम कर रहीं प्रियंबदा यादव का डिजिटल मीडिया में 2 साल से अधिक का अनुभव है. एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल, गूगल वेब स्टोरीज़ उनकी विशेषज्ञता है. उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी नेशनल यूनिवर्सिटी से MSc in New Media में पोस्ट ग्रेजुएट किया है. अभी तक वह krishi jagran और India News जैसी कई डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में काम कर चुकी हैं.

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